दिल का दौरा (Heart Attack): कारण, लक्षण और बचाव के तरीके
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हार्ट अटैक अब केवल बुज़ुर्गों की नहीं, बल्कि युवाओं की भी बड़ी समस्या बन गया है। तनाव, असंतुलित आहार, और अनियमित जीवनशैली इसके प्रमुख कारण हैं। एक सही जागरूकता और समय पर इलाज से इस घातक स्थिति से बचा जा सकता है।

दिल का दौरा क्यों पड़ता है?
जब हृदय तक खून पहुंचाने वाली नलियाँ (coronary arteries) कोलेस्ट्रॉल या फैट के जमाव से संकरी हो जाती हैं, तो हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती। यही स्थिति हार्ट अटैक कहलाती है।
दिल के दौरे के मुख्य कारण
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अत्यधिक तनाव और चिंता
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धूम्रपान और शराब का सेवन
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ब्लड प्रेशर या डायबिटीज़ का अनियंत्रण
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मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता
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अत्यधिक तैलीय और जंक फूड का सेवन
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आनुवंशिक कारण (परिवार में हृदय रोग का इतिहास)
हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण
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छाती में दबाव, जकड़न या जलन जैसा दर्द
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दर्द का कंधे, बांह, गर्दन या जबड़े तक फैलना
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सांस लेने में तकलीफ़
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अत्यधिक पसीना, चक्कर या उल्टी जैसा महसूस होना
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अचानक थकान या बेचैनी
हार्ट अटैक से बचाव के उपाय
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संतुलित आहार लें – हरी सब्जियाँ, फल और फाइबर युक्त भोजन अपनाएं।
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नियमित व्यायाम करें – रोज़ 30 मिनट वॉक या योगा करें।
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धूम्रपान व शराब से दूरी रखें।
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तनाव को कम करें – मेडिटेशन और पर्याप्त नींद ज़रूरी है।
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रूटीन हेल्थ चेकअप कराएं – ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की निगरानी रखें।
इलाज और मेडिकल इमरजेंसी
अगर किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक के लक्षण दिखें, तो तुरंत अस्पताल पहुंचाएं।
डॉक्टर ईसीजी (ECG) या एंजियोग्राफी से स्थिति की जांच करते हैं।
इलाज में Angioplasty, Stent Placement, या Bypass Surgery शामिल हो सकते हैं।
समय पर इलाज से जीवन बचाया जा सकता है।
निष्कर्ष
दिल का दौरा एक गंभीर लेकिन रोकथाम योग्य बीमारी है। स्वस्थ आहार, तनावमुक्त जीवन और नियमित जांच के माध्यम से इसे पूरी तरह से रोका जा सकता है। याद रखें — आपका दिल आपकी ज़िम्मेदारी है। उसे स्वस्थ रखना आपके हाथ में है। ❤️

