एसिडिटी (Acidity): कारण, लक्षण, बचाव और सही इलाज
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और गलत खान-पान की आदतों के कारण एसिडिटी एक बहुत आम समस्या बन गई है। लगभग हर उम्र के लोग कभी न कभी इस परेशानी से जूझते हैं। अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो एसिडिटी आगे चलकर गैस, अल्सर और पाचन से जुड़ी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।

एसिडिटी क्या है?
हमारे पेट में भोजन पचाने के लिए एसिड बनता है। जब यह एसिड जरूरत से ज्यादा बनने लगता है या गलत समय पर ऊपर की ओर आने लगता है, तो छाती और पेट में जलन महसूस होती है। इसी स्थिति को एसिडिटी कहा जाता है।
एसिडिटी होने के मुख्य कारण
अनियमित खान-पान, ज्यादा तला-भुना और मसालेदार भोजन, देर रात खाना, खाली पेट चाय या कॉफी पीना, धूम्रपान और शराब का सेवन एसिडिटी के प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा तनाव, नींद की कमी और शारीरिक गतिविधि की कमी भी एसिडिटी बढ़ा सकती है।
एसिडिटी के सामान्य लक्षण
सीने में जलन, पेट में भारीपन, खट्टी डकारें आना, गले में जलन, मतली, उल्टी जैसा मन होना और खाना ठीक से न पचना एसिडिटी के आम लक्षण हैं। कई बार गैस की वजह से सीने में दर्द होता है, जो हार्ट की समस्या जैसा महसूस हो सकता है।
एसिडिटी से बचाव कैसे करें?
एसिडिटी से बचने के लिए समय पर और हल्का भोजन करें। ज्यादा मसालेदार, तला हुआ और जंक फूड कम खाएं। दिनभर में पर्याप्त पानी पिएं और भोजन के तुरंत बाद लेटने से बचें। तनाव कम करने के लिए योग, प्राणायाम और हल्की एक्सरसाइज बहुत फायदेमंद होती है।
एसिडिटी होने पर क्या करें?
अगर एसिडिटी हो जाए तो गुनगुना पानी पीएं और हल्का भोजन लें। डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लेने से राहत मिल सकती है। बार-बार खुद से दवा लेना सही नहीं है, क्योंकि इससे पेट से जुड़ी दूसरी समस्याएं हो सकती हैं।
कब डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है?
अगर एसिडिटी बार-बार हो रही हो, सीने में तेज दर्द हो, उल्टी में खून आए, वजन तेजी से घट रहा हो या खाना निगलने में परेशानी हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।
Hardik Hospital में पेट और पाचन से जुड़ी समस्याओं की सही जांच और प्रभावी इलाज अनुभवी डॉक्टरों द्वारा किया जाता है, ताकि मरीज को जल्दी और सुरक्षित राहत मिल सके।

