गर्भावस्था एक महिला के जीवन का विशेष और संवेदनशील समय होता है। इस दौरान न केवल माँ की बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत भी पूरी तरह से माँ के खानपान पर निर्भर करती है। इसलिए इस समय संतुलित और पोषणयुक्त आहार लेना अत्यंत आवश्यक हो जाता है।
गर्भावस्था में सही खानपान क्यों है ज़रूरी?
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शिशु की उचित वृद्धि और विकास के लिए
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माँ को ऊर्जा और पोषण प्रदान करने के लिए
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जटिलताओं जैसे एनीमिया, गर्भकालीन मधुमेह, या उच्च रक्तचाप से बचाव के लिए
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प्रसव के बाद शीघ्र रिकवरी के लिए
गर्भवती महिलाओं के लिए ज़रूरी पोषक तत्व
फोलिक एसिड (Folic Acid)
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Neural tube defects से बचाने में मदद करता है।
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स्त्रोत: हरी पत्तेदार सब्जियाँ, फलियाँ, खट्टे फल, अंडे, फोर्टीफाइड अनाज।
आयरन (Iron)
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एनीमिया से बचाव के लिए आवश्यक।
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स्त्रोत: चुकंदर, अनार, हरी पत्तियाँ, गुड़, दालें।
कैल्शियम (Calcium)
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शिशु की हड्डियों और दाँतों के विकास के लिए।
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स्त्रोत: दूध, दही, पनीर, तिल, बादाम।
प्रोटीन (Protein)
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शरीर की कोशिकाओं के निर्माण में सहायक।
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स्त्रोत: दूध, दालें, मूँगफली, सोया।
ओमेगा-3 फैटी एसिड
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शिशु के मस्तिष्क और आँखों के विकास में सहायक।
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स्त्रोत: अलसी के बीज, अखरोट
गर्भावस्था के दौरान भोजन में इन बातों का रखें ध्यान
- छोटे-छोटे लेकिन बार-बार भोजन करें – दिन में 5-6 बार हल्का-फुल्का पौष्टिक खाना खाएँ।
- पर्याप्त पानी पीएँ – शरीर में पानी की कमी से थकान और कब्ज हो सकती है।
- ज्यादा तले हुए, मसालेदार और जंक फूड से परहेज करें।
- कैफीन का सेवन सीमित करें – कॉफी और चाय की मात्रा नियंत्रित रखें।
- डॉक्टर से सलाह लिए बिना किसी दवा या सप्लीमेंट का सेवन न करें।
गर्भावस्था में क्या न खाएं?
- ज्यादा कैफीन (चाय, कॉफी)
- जंक फूड, सोडा, डिब्बाबंद आहार
- बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयाँ
- ज्यादा मिर्च-मसाले और डीप फ्राइड भोजन
निष्कर्ष
गर्भावस्था के दौरान संतुलित और पोषणयुक्त आहार माँ और शिशु दोनों के लिए एक मजबूत आधार तैयार करता है। याद रखें, इस समय जो आप खाती हैं, वही आपके शिशु की सेहत तय करता है। इसलिए हर निवाले में पोषण और देखभाल ज़रूरी है।