आज की तेज़ रफ़्तार जिंदगी में हर कोई चाहता है कि अगर सर्जरी की ज़रूरत हो, तो वह जल्दी हो, कम तकलीफ दे और जल्दी आराम मिले। ऐसे में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) एक आधुनिक और बेहद प्रभावी विकल्प बनकर उभरी है।
क्या है लेप्रोस्कोपिक सर्जरी ?
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को आम भाषा में कीहोल सर्जरी (Keyhole Surgery) भी कहा जाता है। इस तकनीक में शरीर में बड़े चीरे करने की बजाय, केवल 0.5 से 1 सेंटीमीटर के छोटे-छोटे छेद किए जाते हैं। इन्हीं छेदों से एक विशेष कैमरा (लेप्रोस्कोप) और आवश्यक सर्जिकल उपकरण अंदर डाले जाते हैं।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के फायदे:
- छोटे चीरे – घाव छोटा होता है, जिससे टांके कम लगते हैं।
- कम दर्द – ऑपरेशन के बाद कम दर्द महसूस होता है।
- तेज़ रिकवरी – मरीज जल्दी अपने रोज़मर्रा के कामों में लौट सकता है।
- कम हॉस्पिटल में रहना – ज़्यादातर मरीज 1-2 दिन में डिस्चार्ज हो जाते हैं।
- कम निशान (Scarring) – शरीर पर दाग या निशान कम बनते हैं।
- कम संक्रमण का खतरा – खुले ऑपरेशन की तुलना में संक्रमण की संभावना कम रहती है।
किस तरह की सर्जरी में होती है इस्तेमाल?
लेप्रोस्कोपी का उपयोग कई तरह की सर्जरी में किया जाता है, जैसे:
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पित्ताशय (Gallbladder) निकालना
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अपेंडिक्स (Appendix) की सर्जरी
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महिलाओं की गर्भाशय या एंडोमेट्रियोसिस सर्जरी
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हर्निया सर्जरी
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बांझपन के उपचार में निदान व इलाज
क्या यह हर मरीज के लिए उपयुक्त है?
हालांकि लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के कई फायदे हैं, लेकिन हर मरीज के लिए यह विकल्प उपयुक्त नहीं होता। यदि किसी को बहुत अधिक सूजन, संक्रमण या किसी जटिल बीमारी का इतिहास है, तो डॉक्टर पारंपरिक सर्जरी का सुझाव दे सकते हैं।
निष्कर्ष:
“लेप्रोस्कोपिक सर्जरी” एक सुरक्षित, आधुनिक और कम तकलीफ देने वाली प्रक्रिया है, जो आज के समय में कई मरीजों के लिए राहत लेकर आई है। अगर आपको किसी ऑपरेशन की सलाह दी गई है, तो अपने सर्जन से लेप्रोस्कोपी के विकल्प के बारे में ज़रूर पूछें।