आजकल महिलाएं अपनी सेहत को लेकर अधिक जागरूक हो रही हैं, लेकिन कई बार कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में सही जानकारी न होने की वजह से वे उन्हें हल्के में ले लेती हैं। उनमें से एक प्रमुख समस्या है बच्चेदानी की गाँठ (फाइब्रॉयड), जिसे महिलाओं में अक्सर पाया जाता है। तो क्या है ये गाँठ, कब आपको इसे लेकर चिंता करनी चाहिए, और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है, आइए जानते हैं।
बच्चेदानी की गाँठ (फाइब्रॉयड) क्या होती है?
फाइब्रॉयड, जिसे यूटरिन फाइब्रॉयड भी कहा जाता है, बच्चों की गाँठ के आकार की मस्से होते हैं जो बच्चेदानी (यूटरस) की मांसपेशियों में बनते हैं। ये गाँठें गैर-कैंसरous (Benign) होती हैं, लेकिन कभी-कभी ये महिलाओं के स्वास्थ्य पर असर डाल सकती हैं।
फाइब्रॉयड का आकार छोटे से लेकर बड़े तक हो सकता है। ये एक या एक से ज्यादा हो सकते हैं, और इनका आकार भी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
फाइब्रॉयड के प्रमुख लक्षण:
फाइब्रॉयड की स्थिति में महिला को कई प्रकार के लक्षण हो सकते हैं,
- अत्यधिक पीरियड्स (Heavy Menstrual Bleeding)
अगर आपके पीरियड्स ज्यादा दिन तक चलते हैं या बहुत अधिक खून बहता है, तो यह फाइब्रॉयड का संकेत हो सकता है।
- पेट में दर्द और सूजन
यदि पेट में लगातार दर्द या सूजन रहती है, तो यह भी फाइब्रॉयड का लक्षण हो सकता है।
- प्रेगनेंसी में समस्या
फाइब्रॉयड के कारण गर्भधारण में समस्याएँ आ सकती हैं, जैसे कि गर्भपात, समय से पहले प्रसव, या गर्भावस्था की जटिलताएँ।
- कमजोरी और थकान
अत्यधिक खून बहने की वजह से महिला को एनीमिया हो सकता है, जिससे थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
फाइब्रॉयड के कारण:
- हार्मोनल असंतुलन:
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का असंतुलन फाइब्रॉयड के विकास को बढ़ावा दे सकता है।
- आनुवंशिकता:
अगर परिवार में किसी को फाइब्रॉयड हुआ है, तो इसके होने की संभावना अधिक रहती है।
- अधिक वजन और जीवनशैली:
अत्यधिक वजन और अस्वस्थ जीवनशैली भी फाइब्रॉयड के जोखिम को बढ़ा सकती है।
कब चिंता करें और डॉक्टर से संपर्क करें?
फाइब्रॉयड ज्यादातर मामलों में हानिरहित होते हैं, लेकिन यदि आपको निम्नलिखित लक्षण महसूस हो, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
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अत्यधिक रक्तस्राव – यदि आपके पीरियड्स बहुत भारी हैं या असामान्य रूप से लंबी अवधि तक चलते हैं।
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पेट में लगातार दर्द – अगर पेट में लगातार दर्द या सूजन हो और यह बढ़ता जाए।
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गर्भधारण में समस्या – यदि आप गर्भवती होने में कठिनाई महसूस कर रही हैं, तो यह फाइब्रॉयड के कारण हो सकता है।
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संवेदनशीलता या सेक्स के दौरान दर्द – यदि सेक्स के दौरान अत्यधिक दर्द या असुविधा महसूस होती है।
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सामान्य स्वास्थ्य में बदलाव – जैसे अत्यधिक थकान, कमजोरी या शारीरिक रूप से अस्वस्थ महसूस करना।
फाइब्रॉयड का इलाज:
फाइब्रॉयड का इलाज कई तरीकों से किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
मेडिकल उपचार:
डॉक्टर हार्मोनल उपचार जैसे बर्थ कंट्रोल पिल्स, गोली, या इन्ट्रायूटेरिन डिवाइस (IUD) का सुझाव दे सकते हैं।
- सर्जरी:
- अगर फाइब्रॉयड बहुत बड़े हो जाएं और दर्दनाक हो, तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। इसमें शामिल है:
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यूटरिन एब्लेशन (Uterine Ablation): इसमें बच्चेदानी के अंदर की परत को हटाया जाता है।
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मायोमेक्टोमी (Myomectomy): इसमें फाइब्रॉयड को निकाला जाता है, लेकिन बच्चेदानी को सुरक्षित रखा जाता है।
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हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy): यह प्रक्रिया फाइब्रॉयड के इलाज के लिए अंतिम उपाय हो सकती है, जिसमें बच्चेदानी पूरी तरह से हटा दी जाती है।
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- लेप्रोस्कोपी:
यदि फाइब्रॉयड छोटे होते हैं और उनका स्थान ठीक होता है, तो उन्हें लेप्रोस्कोपी के माध्यम से निकाला जा सकता है। यह एक मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया है, जिसमें छोटे चीरे किए जाते हैं और मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं।
- नैतिक उपचार:
यदि फाइब्रॉयड में कोई गंभीर लक्षण नहीं हैं, तो डॉक्टर सामान्य निगरानी और देखभाल की सलाह दे सकते हैं।
निष्कर्ष:
बच्चेदानी की गाँठ (फाइब्रॉयड) एक सामान्य समस्या है जो महिलाओं को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करा सकती है। यदि आपको इसके लक्षण महसूस हों, तो समय रहते डॉक्टर से सलाह लें। फाइब्रॉयड का इलाज पूरी तरह से संभव है और सही उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
याद रखें, महिलाओं को अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहना बेहद जरूरी है और किसी भी प्रकार की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।