पित्ताशय (Gallbladder) शरीर का एक छोटा अंग है जो लीवर के नीचे स्थित होता है। इसका मुख्य कार्य पित्त रस (bile) को संग्रहित करना होता है, जो पाचन में सहायक होता है। जब इस पित्त रस में कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन या कैल्शियम की मात्रा असंतुलित हो जाती है, तो यह कठोर होकर पथरी (Gallstones) का रूप ले सकती है।
पित्ताशय की पथरी के कारण
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अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल – जब पित्त में अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल होता है, तो वह क्रिस्टल बनाकर पथरी का कारण बनता है।
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अत्यधिक बिलीरुबिन – लीवर की कुछ बीमारियों जैसे सिरोसिस या इंफेक्शन में यह बढ़ जाता है।
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पित्ताशय की खाली होने की प्रक्रिया में बाधा – अगर पित्ताशय ठीक से खाली नहीं होता, तो पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
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अनुवांशिकता – परिवार में किसी को यह समस्या हो, तो अगली पीढ़ी में भी इसका खतरा बढ़ जाता है।
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मोटापा और खराब जीवनशैली – असंतुलित आहार, अधिक तले-भुने भोजन और फिजिकल एक्टिविटी की कमी।
पित्ताशय की पथरी के लक्षण
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पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में अचानक और तीव्र दर्द
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मतली और उल्टी
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अपच या भारीपन महसूस होना
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बुखार (यदि संक्रमण हो गया हो)
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पीलिया (अगर पथरी ने बाइल डक्ट को ब्लॉक कर दिया हो)
नोट: कई बार पथरी के कोई लक्षण नहीं होते, और वह केवल अल्ट्रासाउंड में ही पकड़ में आती है। इसे साइलेंट गॉलस्टोन कहा जाता है।
पित्ताशय की पथरी का इलाज
1. दवाइयों द्वारा इलाज
कुछ विशेष दवाएं पथरी को घोलने का प्रयास करती हैं, लेकिन यह बहुत समय लेता है और हर प्रकार की पथरी पर असर नहीं करता।
2. लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Cholecystectomy)
यह सबसे आम और सुरक्षित तरीका है जिसमें पित्ताशय को निकाल दिया जाता है। यह सर्जरी छोटे चीरे से होती है और मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाता है।
3. ओपन सर्जरी
अगर पथरी बहुत बड़ी है या जटिलताएं हैं, तो ओपन सर्जरी की जाती है।
4. डायट और लाइफस्टाइल में बदलाव
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फाइबर युक्त आहार लें
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तले-भुने भोजन से बचें
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वजन को नियंत्रित रखें
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रोजाना वॉक या योग करें
निष्कर्ष
पित्ताशय की पथरी एक आम लेकिन गंभीर समस्या हो सकती है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और समय पर जांच से इसे रोका जा सकता है। लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें — इलाज संभव है और जटिलताओं से बचा जा सकता है।