बुजुर्ग रोगियों में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की भूमिका: सर्जिकल परिणामों को बेहतर बनाना

May 20, 2025by admin0

बुजुर्ग रोगियों में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की भूमिका

 

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और पुनः स्वस्थ होने की गति धीमी हो जाती है। बुजुर्ग रोगियों के लिए किसी भी प्रकार की सर्जरी एक बड़ी चुनौती हो सकती है। परंतु आधुनिक तकनीकों के आगमन से अब सर्जरी के तरीके अधिक सुरक्षित, कम दर्दनाक और शीघ्र पुनः स्वस्थ होने वाले हो गए हैं। इनमें से एक प्रमुख तकनीक है लेप्रोस्कोपिक सर्जरी

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी क्या है?

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी एक न्यूनतम इनवेसिव (Minimally Invasive) सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें बड़े चीरे के बजाय केवल छोटे-छोटे छेदों के माध्यम से ऑपरेशन किया जाता है। इसमें एक विशेष उपकरण — लेप्रोस्कोप — का उपयोग होता है, जो एक पतली ट्यूब और कैमरे से युक्त होता है।

बुजुर्गों के लिए क्यों फायदेमंद है लेप्रोस्कोपिक सर्जरी?

 

  • कम शारीरिक आघात (Trauma):  बुजुर्ग रोगियों का शरीर किसी भी बड़े चीरे से होने वाले आघात को सहने में कमजोर होता है। लेप्रोस्कोपी में छोटे चीरे होते हैं, जिससे शरीर पर कम प्रभाव पड़ता है।
  • जल्दी रिकवरी:  बड़े ऑपरेशनों के बाद बुजुर्गों को ठीक होने में समय लगता है, जबकि लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद वे जल्दी चल-फिर सकते हैं और सामान्य दिनचर्या में लौट सकते हैं।
  • कम संक्रमण का खतरा:  लेप्रोस्कोपी में खुले घाव न के बराबर होते हैं, जिससे पोस्ट-ऑपरेटिव इन्फेक्शन की संभावना काफी कम हो जाती है।
  • कम दर्द और दवा की आवश्यकता:  बुजुर्गों को अधिक पेन किलर देने से दुष्प्रभाव हो सकते हैं। चूंकि इस तकनीक में दर्द कम होता है, दवा की जरूरत भी कम होती है।
  • हृदय और फेफड़ों पर कम दबाव:  लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में शरीर पर कम तनाव पड़ता है, जिससे हृदय व श्वसन रोगों से ग्रसित बुजुर्गों के लिए यह ज्यादा सुरक्षित विकल्प बनता है।

 

किन सर्जरी में होता है उपयोग?

बुजुर्गों के लिए निम्न सर्जिकल प्रक्रियाओं में लेप्रोस्कोपी विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध हुई है:

  • गॉलब्लैडर (पित्ताशय) निकालना

  • हर्निया सर्जरी

  • अपेंडिक्स ऑपरेशन

  • कोलन या रेक्टल सर्जरी

  • स्त्री रोग संबंधी कुछ ऑपरेशन

 

ध्यान देने योग्य बातें

हालांकि लेप्रोस्कोपी कई मामलों में लाभकारी है, लेकिन हर बुजुर्ग रोगी इसके लिए उपयुक्त नहीं होता। उनकी संपूर्ण चिकित्सकीय स्थिति, अन्य बीमारियाँ (जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग आदि), और रोग की गंभीरता को ध्यान में रखकर ही सर्जरी का तरीका तय किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी ने बुजुर्ग रोगियों के लिए सर्जरी को एक सुरक्षित और कम जटिल प्रक्रिया बना दिया है। इसके माध्यम से सर्जिकल परिणामों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है — कम दर्द, जल्दी स्वस्थ होना और बेहतर जीवन गुणवत्ता। सही मूल्यांकन और विशेषज्ञ सर्जन की देखरेख में यह तकनीक बुजुर्गों के लिए वरदान साबित हो सकती है।

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