क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस सर्जरी: कब, क्यों और क्या जानना ज़रूरी है?

May 12, 2025by admin0

क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस सर्जरी: कब, क्यों और क्या जानना ज़रूरी है?

परिचय:
क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस (Chronic Pancreatitis) एक दीर्घकालिक और दर्दनाक बीमारी है जिसमें अग्न्याशय (Pancreas) में लगातार सूजन बनी रहती है। यह न सिर्फ पाचन तंत्र को प्रभावित करती है बल्कि समय के साथ अग्न्याशय को नुकसान भी पहुंचा सकती है। जब दवाइयों और लाइफस्टाइल में बदलाव से राहत नहीं मिलती, तब सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

1. क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस में सर्जरी की ज़रूरत कब पड़ती है?
  • जब लगातार और असहनीय पेट दर्द हो।

  • जब पाचन क्रिया पर गंभीर असर पड़े।

  • जब अग्न्याशय में संक्रमण, पथरी या सिस्ट बन जाए।

  • जब पैंक्रियाटिक डक्ट (नली) में रुकावट हो।

  • जब कैंसर जैसी जटिल स्थितियों का खतरा हो।

 

2. सर्जरी क्यों की जाती है?
  • दर्द से राहत दिलाने के लिए: लगातार दर्द व्यक्ति की दिनचर्या और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।

  • पाचन में सुधार के लिए: अग्न्याशय के कामकाज में सुधार लाने के लिए।

  • कॉम्प्लिकेशन्स रोकने के लिए: संक्रमण, पथरी, सिस्ट और फोड़े बनने से रोकने हेतु।

  • गंभीर स्थितियों को संभालने के लिए: जैसे अगर ट्यूमर की संभावना हो।

 

3. कौन-कौन सी सर्जरी की जाती है?
  1. पैंक्रियाटिक डक्ट डिकम्प्रेशन (Puestow Procedure):
    इसमें डक्ट को खोला जाता है ताकि एंजाइम्स का फ्लो बेहतर हो सके।

  2. पैंक्रिएटेक्टॉमी (Pancreatectomy):
    इसमें अग्न्याशय का कुछ हिस्सा या पूरा अंग निकाल दिया जाता है।

  3. Whipple Surgery (Pancreaticoduodenectomy):
    यह एक जटिल सर्जरी होती है जिसमें अग्न्याशय का सिर, पित्त नली, डुओडेनम और कभी-कभी पेट का छोटा हिस्सा भी निकाला जाता है।

  4. सिस्ट ड्रेनेज सर्जरी:
    अगर पैंक्रियास में सिस्ट या फोड़ा बन गया हो तो उसे ड्रेन किया जाता है।

 

4. सर्जरी से पहले क्या तैयारियाँ ज़रूरी हैं?
  • पूरी मेडिकल हिस्ट्री और जांचें करवाई जाती हैं (CT Scan, MRI, ERCP आदि)।

  • डॉक्टर से लाभ और जोखिम के बारे में विस्तार से बात करें।

  • धूम्रपान और शराब का सेवन तुरंत बंद करें।

  • डाइटिशियन से डाइट प्लान लें क्योंकि पैंक्रियाज पाचन में मदद करता है।

 

5. सर्जरी के बाद क्या देखभाल करनी होती है?
  • कुछ दिनों तक अस्पताल में निगरानी में रहना पड़ सकता है।

  • हल्का खाना और पाचन में सहायक एंजाइम लेना पड़ सकता है।

  • इंसुलिन पर निर्भरता हो सकती है अगर अग्न्याशय का बड़ा हिस्सा निकाल दिया गया हो।

  • नियमित फॉलो-अप बहुत ज़रूरी है।

 

6. संभावित जोखिम क्या हैं?
  • इन्फेक्शन या ब्लीडिंग

  • पाचन में गड़बड़ी

  • डायबिटीज़ होने की संभावना

  • वजन कम होना

 

क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस एक गंभीर लेकिन नियंत्रित की जा सकने वाली स्थिति है। अगर दवाइयों और जीवनशैली में बदलाव से राहत नहीं मिल रही है, तो सर्जरी एक प्रभावशाली विकल्प हो सकता है। हालांकि, सर्जरी का फैसला केवल अनुभव वाले गैस्ट्रोसर्जन की सलाह पर ही लेना चाहिए।

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